केकेबी ब्यूरो। तीन कृषि कानूनों पर किसान संगठनों और अन्य स्टेकहोल्डरों के साथ चर्चा करने के लिये सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेषज्ञ कमिटी ने मंगलवार को फिर बैठक की। विशेषज्ञ समिति ने इस बार कृषि प्रसंस्करण उद्योग, कृषि प्रसंस्करण संघ और खरीद एजेंसियों को इस बार तीनों कृषि कानूनों पर चर्चा करने का न्यौता दिया था।
आज की बैठक में कुल 18 स्टेकहोल्डर शामिल हुये जिसमें अमूल, आईटीसी,फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई), सुगना फूड्स, बागवाणी उपज विशेषज्ञ संघ, वेंक्टेश्वरा हेचरिज, सीआईआई, फिक्की, अपेडा, समुद्री खाद्य निर्यातक संघ, आखिल भारतीय चावल मिलर्स एसोसिएशन, टैक्टर निर्माता संघ, भारतीय कपास संघ, भारतीय उर्वरक संघ, भारतीय दलहन एंव अनाज संघ और पोल्ट्री निर्माता संघ शामिल थे। इन लोगों ने विडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से विशेषज्ञ कमिटी के साथ तीन कृषि कानूनों पर चर्चा की और अपनी ओर से सुझाव दिये। अपेडा के प्रतिनिधि व्यक्तिगत रुप से बैठक में शिरकत की।
आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट ने संसद द्वारा पारित तीनों कृषि कानून जिसमें किसान उत्पाद व्यापार एंव वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम 2020, कृषक (सशक्तिकरण एंव संरक्षण) अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु ( संशोधन) अधिनियम 2020 के क्रियान्वन पर फिलहाल रोक लगा रखी है।
कोर्ट ने विशेषज्ञ समिति का गठन कर किसान संगठनों, केंद्र सरकार और दूसरे स्टेकहोल्डरों के साथ चर्चा कर दो के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है। हालांकि दिल्ली के अलग अलग बार्डर पर जो किसान धरने पर बैठें है उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति से बातचीत करने से सिरे से इंकार कर दिया है। विशेषज्ञ समिति में अशोक गुलाटी, अनिल धनवट और डॉ प्रमोद जोशी शामिल है। इससे पहले इस समिति ने 9 राज्यों के 32 किसान संगठनों के साथ 3 और 4 फरवरी को बैठक कर तीनों कृषि कानूनों पर चर्चा की थी।