किसानों के लिए ये-ये कर रही है सरकार

Narendra Modi
Indian PM Narendra Modi

केकेबी हेडक्वार्टर।

10 दिसंबर

किसानों के आंदोलन के साथ सरकार हमेशा ही उन्हें दी गई मदद की जानकारी देने लगती है। कृषिमंत्री और उपभोक्ता मंत्री ये जानते  हुए भी किसान इस समय उन बातों को नहीं सुनना चाहते हैं, बार बार किसानों के लिए उठाए गए  कदमों की दुहाई देते रहते हैं।

10 दिसंबर को एक बार फिर सरकार ने इन्हीं बातों को बताने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की। नरेंद्र तोमर और पीयूष गोयल ने उन विभिन्न कदमों के बारे में बात की, जो मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल की शुरुआत से ही किसानों की बेहतरी और कृषि क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में उठाए हैं। उन्होंने कहा कि ये ताजा अधिनियम वो सुधार हैं जिन्हें संबंधित हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के कई दौर के बाद लाया गया है।

मंत्रियों के मुताबिक ये अधिनियम किसानों को अपनी उपज कहीं भी बेचने की आज़ादी देते हैं और साथ ही निजी कंपनियों के साथ लेनदेन के समय एक सुरक्षात्मक कानूनी ढांचे के साथ किसानों को मजबूत करते हैं। कृषि मंत्री तोमर ने महाराष्ट्र के एक किसान का उदाहरण दिया जिसकी शिकायत का निवारण इन नए कानूनों के तहत सफलतापूर्वक किया गया और उसे व्यापारी से तत्काल भुगतान मिला। उन्होंने कहा जब केंद्र एक कानून बनाता है तो वो पूरे देश के लिए होता है।

सरकार के मुताबिक केंद्र सरकार ने कृषि व्यापार पर कानून बनाए हैं तो उसने अपने संवैधानिक अधिकारों के भीतर रहते हुए ऐसा किया है। कृषि के लिए बजटीय आवंटन में 2014-2020 के दौरान उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखने को मिली है और ये किसानों व ग्रामीण क्षेत्र की तरफ इस सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है। पीएम किसान पहल के लिए 75,000 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है, जिसके तहत किसानों को प्रति वर्ष 6000 रुपये की प्रत्यक्ष आय सहायता मिलती है।

ये भी बताया गया है कि फार्म गेट इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के एग्री इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थापना की गई है। रसायनों के कम उपयोग और मृदा स्वास्थ्य में सुधार के लिए मोदी सरकार द्वारा नीम कोटेड यूरिया योजना शुरू की गई। मोदी सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों और इस फार्मूले के आधार पर एमएसपी में बढ़ोतरी की घोषणा की कि किसानों को उत्पादन लागत का कम से कम डेढ़ गुना पैसा मिलना चाहिए।

सरकार ने किसानों के लिए अधिक खरीद और अधिक भुगतान भी सुनिश्चित किया है। पीएम किसान मान धन योजना के तहत किसानों को पेंशन सहायता दी जाती है। किसान निर्माता संगठन यानि एफपीओ किसानों को एक साथ लाते हैं और उन्हें उनके भविष्य के मामलों में ज्यादा निर्णय लेने की सक्षमता मुहैया करवाते हैं। इस तरह के 10,000 एफपीओ बनाए जा रहे हैं।