कृषि मंत्री तोमर बोले, बजट के प्रावधानों से दूर हो जानी चाहिए आंदोलित किसानों की शंकाएं

केकेबी ब्यूरो। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुये कहा कृषि सुधार कानूनों को लेकर जिनके मन में शंका वह बजट पेश होने के बाद से दूर हो जानी चाहिए।  कृषि मंत्री ने कहा कि इस बजट में सरकार ने एमएसपी को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराने के साथ एपीएमसी मंडियों को सशक्त बनाने का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि किसानों को मूल रूप से कृषि बिलों को लेकर यही दो शंकाएं थी। कृषि मंत्री ने उम्मीद जताई कि किसान संगठन अपनी शंका दूर होने के बाद इस विषय पर सकारात्मक रूप से विचार करेंगे।

नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि इस दशक का पहला बजट समावेशी है, इसमें हर वर्ग और हर क्षेत्र का भरपूर ध्यान रखा गया है। कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में  देश स्वस्थ भारत-सशक्त भारत की दिशा में अग्रसर हैं और यह बजट उसी दिशा में मार्ग प्रशस्त करने वाला है। कृषि मंत्री तोमर बजट पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे। उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट पेश किए गये बजट का  बाजार और हर वर्ग द्वारा स्वागत किया जा रहा है।

कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि वर्ष 2021-22 का बजट प्रस्ताव 6 स्तंभों पर आधारित है जिसमें मानव कल्याण और विकास का समाहित है। इन स्तंभों में स्वास्थ्य एवं खुशहाली, भौतिक एवं वित्तीय पूंजी और अवसंरचना, आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी को फिर से ऊर्जावान बनाना, नवाचार और अनुसंधान व विकास एवं न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन को शामिल किया गया है।

नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि स्वास्थ्य बजट में दोगुना से भी ज्यादा (137 प्रतिशत) की वृद्धि की गई है। कोरोना के कारण स्वास्थ्य चुनौतियों को देखते हुए सरकार ने इस दिशा में बड़ा कदम उठाया है। वर्ष 2021-22 में स्वास्थ्य के लिए 2,23846 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है। इसमें कोविड टीकाकरण अभियान के लिए 35,400 करोड़ रु. की राशि का प्रावधान कर सरकार ने देश के हर नागरिक तक वैक्सीन पहुंचाने की अपनी प्रतिबद्धता को साबित किया है।

कृषि मंत्री तोमर ने कहा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत एक लाख करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना कोष में अब मंडियों को भी शामिल किया गया है। इससे मंडियां सशक्त होगी।  मंत्री ने बताया कि कृषि के क्षेत्र में किसानों को जहां पहले 7 लाख करोड़ रु. तक का सालाना ऋण मिल पाता था, लेकिन पीएम मोदी के सरकार के कार्यभार संभालने के बाद इसे 15 लाख करोड़ रु. किया गया और अब बजट में इसे साढ़े 16 लाख करोड़ रू. कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि देश में 1000 मंडियों को और ई-नाम से जोड़ा जाएगा। नाबार्ड के अंतर्गत बनाए सूक्ष्म सिंचाई कोष को दोगुना करते हुए 10,000 करोड़ रू. का किया गया है। कृषि और संबद्ध उत्पादों और उनके निर्यात में मूल्यवर्धन को बढ़ावा देने के लिए ऑपरेशन ग्रीन्स स्कीम का दायरा, जो वर्तमान में टमाटर, प्याज और आलू पर लागू होता है, को 22 शीघ्र खराब होने वाले उत्पादों को शामिल करने के लिए बढ़ाया गया है।