पीयूष गोयल से मिले मुख्यमंत्री बघेल, वादे के मुताबिक धान का कोटा खरीदने की रखी मांग

केकेबी ब्यूरो, दिल्ली। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल में मुलाकात कर चावल उपार्जन को लेकर पूर्व में दी सहमति पर अमल करने की मांग की। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार ने एफ़सीआई के जरिये 60 लाख मिट्रिक टन चावल खरीदने की बात कही थी पर सरकार अपनी बात से पीछे मुकर रही और केवल 24 लाख मिट्रिक टन चावल खरीदने का आदेश दे रही। मुख्यमंत्री ने पीयूष गोयल से मुलाकात कर राज्य के किसानों के हित में एफसीआई द्वारा 40 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदी की मांग रखी है।

92 लाख मीट्रिक टन धान खरीद बनाया नया कीर्तिमान

गौरतलब है कि धान खरीदी के मामले में छत्तीसगढ़ ने नया कीर्तिमान बना दिया है। 2020-21 में कुल पंजीकृत किसानों से छतीसगढ़ साल 2020-21 को अपने गठन का 20 वां साल मना रहा है तो इस वर्ष छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक 92 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदने का नया कीर्तिमान बना दिया है। रिकार्ड 95.38 फीसदी किसानों ने अपना धान बेचा।

धान नहीं खरीदने से राज्य को होगा नुकसान

लेकिन केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ से ये धान नहीं उठाया तो प्रदेश सरकार को खासा नुकसान हो सकता है। वहीं बड़ी समस्या धान के स्टोरेज की भी है। भूपेश बघेल के मुताबिक एफसीआई के गोदाम में सरप्लस अनाज भरे हैं। अगले 2 से 3 साल के लिए सरकार के सामने अनाज का संकट नहीं। ऐसे में सरप्लस अनाज को खपाने के उपाय पर सरकार को विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे केंद्र लंबे समय से केंद्र सरकार से धान से एथनॉल बनाने की वे मांग करते रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार मंजूरी नहीं दे रही।

धान से एथनॉल बनाने की केंद्र दे इजाजत

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि पहले सरकार ने ज्यादा धान उपजाने के लिए कहा। जब किसान ने ज्यादा धान की उपज कर दी ऐसे में किसानों का क्या दोष। सरप्लस धान की खपत के लिए सरकार धान से एथनॉल बनाने की इजाजत दे।

एक राज्य का  किसान आंदोलन बताने पर जताया एतराज

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा राज्यसभा में किसानों के आंदोलन को एक राज्य का बताने पर मुख्यमंत्री बघेल ने एतराज जताते हुए कहा कि क्या देशभर के किसान सड़क पर उतर आएंगे तभी क्या सरकार मानेगी। उन्होंने तीन कृषि कानून वापस लेने की मांग को दोहराते हुए कहा कि एमएसपी पर खरीदारी केवल पंजाब हरियाणा छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश में होती है। उन्होंने कहा कि एमएसपी पर खरीद का फायदा पूरे देश के किसानों को मिलना चाहिए।