केकेबी ब्यूरो। बिहार के भागलपुर का मशहूर जर्दालु आम की मिठास अब ब्रिटेन के लोग भी चख सकेंगे। भागलपुर के GI ( Geographical Indications) प्रमाणित जर्दालू आमों की पहली कमर्शियल खेप ब्रिटेन भेजी गई है। बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने वर्चुअल तरीके से भागलपुर के मशहूर जर्दालु आम की पहली कमर्शियल खेप को ब्रिटेन के लिये रवाना किया। बिहार के भागलपुर में होने वाले जर्दालू आम को साल 2018 में जिओग्राफिककल इंडिकेशन (जीआई) टैग मिला था।
Shri Amrendra Pratap Singh, Hon'ble Minister of Agriculture, Govt. of Bihar, virtually flagged off the first-ever commercial shipment of Jhardalu mangoes for the UK – facilitated by team @investindia & @APEDADOC for @HCI_London. #IndiaUK #InvestInIndia #MangoDiplomacy #Mango pic.twitter.com/L19fpGIiT3
— Invest India (@investindia) June 14, 2021
आपको बता दें, एपिडा ने (APEDA) बिहार सरकार, ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग, इन्वेस्ट इंडिया के साथ मिलकार भागलपुर के रसदार और सुगंधित जर्दालु आमों का निर्यात किया है। इन आमों को एपिडा के सहयोग से लखनऊ स्थित पैकहाउस में पैक किया गया।
1st commercial consignment of GI certified #Jardalu mangoes from #Bhagalpur, #Bihar is being exported today to United Kingdom in collaboration with state government of Bihar, High Commission of India, #UK & Invest India#AatmaNirbharBharat #APEDA #Agriculture #Export #IndianMango pic.twitter.com/cLwEYmzucb
— APEDA (@APEDADOC) June 14, 2021
इससे पहले बहरीन में अल जजीरा समूह के सुपर स्टोर में एपिडा ने भारतीय आमों के प्रचार के लिए एक सप्ताह लंबे कार्यक्रम का आयोजन किया था, जहां तीन जीआई ( GI ) प्रमाणित खीरसपाती और लक्ष्मणभोग (पश्चिम बंगाल) और जर्दालू (बिहार) सहित 16 किस्मों के आमों का प्रदर्शन किया गया। इन प्रदर्शनी के जरिये एपिडा गैर पारम्परिक क्षेत्रों से आम के निर्यात को प्रोत्साहन देने का अभियान चला रहा है।
फलों के निर्यात में एपिडा की अहम भूमिका
एपिडा आम के निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए वर्चुअल खरीदार-विक्रेता बैठक और महोत्सव का आयोजन करता रहा है। एपिडा ने हाल में भारतीय दूतावासों के साथ मिलकर बर्लिन, जर्मनी के साथ ही जापान में आम महोत्सव का आयोजन कर चुका है।
कोरोना महामारी के दौरान एपिडा ने भारतीय दूतावास, सियोल और कोरिया में इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स के साथ भागीदारी में मई, 2021 में एक वर्चुअल खरीदार विक्रेता बैठक का आयोजन किया था। कोविड-19 महामारी के कारण, एक्सपोर्ट प्रोमोशन कार्यक्रमों का आयोजन संभव नहीं था।
दक्षिण कोरिया को भी आम निर्यात
आंध्र प्रदेश के कृष्णा और चित्तूर जिलों के किसानों से खरीदी गई जीआई प्रमाणित बंगनापल्ली और आमों की एक अन्य किस्म सुरवर्नरेखा की खेप दक्षिण कोरिया निर्यात किया गया। दक्षिण कोरिया को निर्यात किए गए आमों को आंध्र प्रदेश के तिरुपति स्थित पंजीकृत भाप आधारित ट्रीटमेंट फैसिलिटी पैकहाउस में साफ कर कर पैक किया गया। वहीं इफ्को किसान सेज (आईकेएसईजेड) द्वारा इसका निर्यात किया गया। यह आईकेएसईजेड द्वारा निर्यात की गई पहली कन्साइनमेंट है, जो 36,000 समितियों की सदस्यता वाली कई राज्यों में सक्रिय सहकारी संस्था इफ्को (IFFCO) की सहायक है।
अमेरिका, जापान समेत कई देशों में निर्यात
भारत में आम को फलों का राजा कहा जाता है और शास्त्रों में इसे कल्पवृक्ष की संज्ञा दी गई है। भारत के ज्यादातर राज्यों में आम की पैदावार होती है पर उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक में आमों के पैदावार में सबसे बड़ी हिस्सेदारी है। आमों का प्रसंस्करण एपिडा पंजीकृत पैकहाउस में किया जाता है और फिर उन्हें मध्य-पूर्व एशिया, यूरोपीय संघ, अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया सहित विभिन्न रीजन और देशों को निर्यात किया जाता है।
( PIC Source – APEDA)