महंगे डीजल से मिली किसानों को राहत, आ गया सीएनजी ट्रैक्टर

केकेबी ब्यूरो। एक तरफ देश के अन्नदाता हर रोज बढ़ते डीजल के दामों से परेशान है। डीजल जिससे उनका ट्रैक्टर चलता है उसकी कीमत कई शहरों में 80 रुपये प्रति लीटर के पार जा चुका है। ऐसे में  अब आ गया है देश का पहला सीएनजी फिटेड ट्रैक्टर। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस सीएनजी ट्रैक्टर को लॉन्च किया।

डीजल ट्रैक्टर से उसे बायो सीएनजी ट्रैक्टर में तब्दील करने वाली कंपनी रॉमैट इंडिया का दावा है कि रोजाना 10 से 12 लीटर डीजल पारंपरिक ट्रैक्टर में भराने से तुलना करें तो सीएनजी ट्रैक्टर के इस्तेमाल से किसान सालाना 1 लाख रुपये तक कि ईंधन के खपत में बचत कर सकते हैं। कंपनी के
मुताबिक किसानों की करीब 50 फीसदी तक ईंधन लागत कम होगी। वहीं ट्रैक्टर में सीएनजी किट लगवाने का खर्च करीब 1.5 लाख रुपये बनता है।

वहीं पराली से बायो डीजल का उत्पादन किया जा सकेगा। पराली जाने को वायु प्रदूषण फैलाने के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार माना जाता है। इससे प्रदूषण कम होगा तो जिस पराली को किसान जला देता था वो अब उसे बेचकर अपनी आमदनी बढ़ा सकेगा।

सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि , जिन शहरों या इलाकों में सीएनजी उपलब्ध है वहां पारम्परिक ट्रैक्टर को सीएनजी ट्रैक्टर में बदला जा सकता है। गडकरी के मुताबिक सीएनजी ट्रैक्टर किसानों को आत्मनिर्भर बनाएगा। इससे सीधे 55 फीसदी रकम की बचत होगी। किसान जो 3.5 लाख रुपये डीज़ल में खर्च करता है इससे डेढ़ लाख रुपये खर्च होंगे। इसका रखरखाव खर्च भी काफी कम होगा। वायु प्रदूषण भी कम होगा। सीएनजी ट्रैक्टर से करीब 15 फीसदी प्रदूषण कम होने के आसार हैं।

नितिन गडकरी ने कहा कि वे राज्य सरकारों से अपील करेंगे कि कम प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों से रजिस्ट्रेशन शुल्क कम ले ताकि इन वाहनों को प्रोत्साहित किया जा सके। उन्होंने जानकारी दी कि सीएजी ट्रैक्टर के बाद जल्द इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर आने वाला है। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर को लेकर भी उनके मंत्रालय ने स्टैण्डर्ड तय कर दिया है। अगर कोई इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर बनाता है तो उसके लिए स्टैण्डर्ड मौजूद है।