22 जनवरी 2021
केकेबी हेडक्वार्टर
नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच 11वें दौर की बातचीत का भी बिना किसी नतीजे के ही खत्म हो गई। शुक्रवार को हुई बैठक में गतिरोध बने रहने के चलते बातचीत के लिए कोई अगली तारीख भी तय नहीं हो सकी है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक में कोई नतीजा न निकलने पर कहा कि किसान आंदोलन की पवित्रता नष्ट हो चुकी है और कुछ लोग इसका राजनीतिक फायदा उठा रहे हैं।
सरकार की तरफ से कानूनों को एक बार फिर से डेढ़ साल के लिए स्थगित किए जाने के प्रस्ताव पर किसान सहमत नहीं हुए हैं। कृषि मंत्री ने कहा सरकार ने सबसे बेहतर प्रस्ताव किसानों को दे दिया है।लेकिन कुछ ताकतें चाहती हैं कि आंदोलन चलता रहे और इसका कुछ अच्छा नतीजा ना निकले। बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला क्योंकि किसान संगठनों के दिल में किसानों का हित नहीं था।
सरकार का तर्क
रेंद्र सिंह तोमर के मुताबिक किसान संगठन लगातार कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े रहे, जबकि सरकार ने कई वैकल्पिक प्रस्ताव भी दिए। इस आंदोलन के दौरान लगातार ये कोशिश हुई कि जनता और किसानों के बीच गलतफहमियां फैले और इसका फायदा उठाकर हर अच्छे काम का विरोध करने वाले कुछ लोग किसानों के कंधे का इस्तेमाल अपने राजनीतिक फायदे के लिए कर सकें।
उनके मुताबिक सरकार की कोशिश थी कि वो सही रास्ते पर विचार करें, जिसके लिए 11 दौर की बैठक की गई। लेकिन किसान यूनियन कानून वापसी पर अड़ी रही। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक के बाद एक प्रस्ताव दिए, लेकिन जब आंदोलन की पवित्रता नष्ट हो जाती है तो निर्णय नहीं होता। वार्ता के दौर में मर्यादाओं का तो पालन हुआ, लेकिन किसानों के हक में बातचीत का मार्ग प्रशस्त हो, इस भावना का हमेशा अभाव था, इसलिए यह निर्णय तक नहीं पहुंच सकी। इसका मुझे भी खेद है।
विरोध कायम
बैठक के बाद किसान नेताओं ने सरकार पर लंबा इंतजार कराने का आरोप लगाते हुए कहा कि 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली के कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं हुआ है। बैठक में शामिल रहे किसान मजदूर संघर्ष समिति से जुड़े एस एस पंधेर ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने उन्हें साढ़े तीन घंटे तक इंतजार कराया। उन्होंने बताया कि जब वो आए तो उन्होंने किसानों से सरकार की मांगों पर विचार करने को कहा और बातचीत खत्म हो गई।
ट्रैक्टर रैली हो कर रहेगी
भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने कहा कि ट्रैक्टर रैली तय योजना के हिसाब से 26 जनवरी को की जाएगी। उन्होंने ये भी कहा है कि सरकार की तरफ से ये साफ कर दिया गया है कि अगली बैठक तभी होगी जब किसान सरकार के प्रस्तावों स्वीकार करने को तैयार होंगे।