केकेबी ब्यूरो, दिल्ली। 30 जनवरी को किसान एक दिन का उपवास रखकर 26 जनवरी को हुई हिंसक प्रदर्शन के लिए प्रायश्चित करेंगे। किसान नेता हनन मोल्लाह के आरोप लगाया कि जिन लोगों ने महात्मा गांधी की हत्या की है उन्हीं लोगों ने लालकिले पर जाकर देश के राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान किया है। साथ ही 26 जनवरी की घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश होने वाले दिन किसानों ने संसद भवन तक मार्च के अपने आह्वान को वापस ले लिया है।
इससे पहले गणतंत्र दिवस के दिन किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में किसानों के हिंसक प्रदर्शन के बाद बैकफुट पर है संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने सिंघु बॉर्डर पर आपस में बैठक की। जिसके बाद प्रेस वार्ता किया।
भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर किसानों के ट्रैक्टर परेड पर पूरी दुनिया की नजर थी लेकिन किसानों का यह परेड सरकार की साजिश का शिकार हो गया। सरकार ने साजिश के तहत किसान आंदोलन को तोड़ने की कोशिश की बावजूद इसके गणतंत्र किसान परेड में 99.99 फ़ीसदी किसान ने शांतिपूर्ण परेड किया। कुछ हिंसक घटनाएं हुई जिसके बाद सरकार की साजिश का पर्दाफाश हो गया।
बलवीर सिंह राजेवाल ने आरोप लगाया कि सरकार ने साजिश के तहत पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के लोगों के साथ सांठगांठ कर 26 जनवरी को किसान गणतंत्र परेड को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने आरोप लगाया कि दीप सिद्धू आरएसएस का एजेंट है उसने लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज को उतारकर धार्मिक झंडा फहराया और पुलिस ने उन्हें रोका भी नहीं। बलबीर सिंह राजेवाल ने गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के लिए देशवासियों से माफी भी मांगी।
किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि दीप सिद्धू किसका आदमी है पूरा देश जान गया है क्योंकि उसकी तस्वीर प्रधानमंत्री मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह के साथ और बीजेपी सांसद सनी देओल के साथ है। योगेंद्र यादव ने संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से दीप सिद्धू का सामाजिक बहिष्कार का आह्वान किया है। योगेंद्र यादव ने कहा कि तीन कृषि कानून को वापस लेना और एमएसपी को कानूनी कवच देना हमारी मांग थी। और इसके लिए किसानों का संघर्ष जारी रहेगा।
किसान नेता राकेश टिकैत ने 26 जनवरी की हिंसक घटनाओं के लिए दिल्ली पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है। राकेश टिकैत ने कहा कि, नौजवान युवाओं को हताश होने की जरूरत नहीं है, बहुत ही बढ़िया आंदोलन चला बिना किसी को हानि पहुंचाए। अपने ट्रैक्टर के साथ किसान 5 से 6 बजे तक वापस लौट आए थे। जो किसान ट्रैक्टर लेकर दिल्ली आए थे राकेश टिकैत ने उनका धन्यवाद भी दिया।