केकेबी ब्यूरो, दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 22 जनवरी को किसानों के साथ हुई बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा दिया गया प्रस्ताव आज भी कायम है। बजट सत्र को लेकर सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि, ” किसानों के मसले का हल बातचीत से ही दूर होगा। कृषि मंत्री तोमर किसानों से सिर्फ एक फोन कॉल दूर हैं। सरकार किसानों से बातचीत के लिए हर समय तैयार है। और 8 दिन पहले किसानाें को दिये गए प्रस्ताव पर आज भी कायम है।”
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सर्वदलीय बैठक की जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री के इस वक्तव्य की जानकारी दी। दरअसल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दिन किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा और लालकिले पर तिरंगे के अपमान की घटना के बाद लगातार ये कयास लगाया जा रहा था कि किसान नेताओं के साथ सरकार अब कोई बातचीत करेगी या नहीं। क्योंकि जो किसान नेता सरकार के साथ बातचीत करते रहे हैं उनमें से करीब 30 नेताओं को हिंसा के लिये जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया है।
गौरतलब है कि सरकार के साथ किसान नेताओं की हुई 11वें राउंड की बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने तीन कृषि कानूनों के क्रियान्वयन को एक से डेढ़ साल तक स्थगित करने का ऑफर दिया था। हालांकि किसान नेताओं ने सरकार के इस ऑफर को सिरे से ठुकरा दिया। किसान नेताओं का कहना था कि तीन कृषि कानूनों के रदद् करने और एमएसपी की कानूनी गारंटी से कम उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं। दरअसल इन मांगों को लेकर किसान दिल्ली के अलग अलग बॉर्डर पर 2 महीने से अधिक समय से आंदोलन पर बैठे हैं।
उन्होंने बताया कि सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि सरकार सदन में सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। जिसमें कृषि और किसान से जुड़े मुद्दे भी शामिल है।