केकेबी ब्यूरो। बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ( मनरेगा ) के लिये वर्ष 2021-22 में 73,000 करोड़ रुपये आवंटित किया है। हालांकि ये वित्तीय साल 2020-21 में आवंटित में किये गये 1,11,500 लाख करोड़ रुपये से कम है।
पिछले साल पेश किये गये बजट में वित्त ने मनरेगा के लिये 61,500 करोड़ रुपये आवंटित किये थे। लेकिन कोरोना के चलते प्रवासी मजूदरों के भारी संख्या में पलायन, बेरोजगारी की समस्या से निपटने और अर्थवयवस्था को सकंट से उबारने के लिये प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मनरेगा के लिये 40,000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार ने अलग से आवंटित किये थे। जिसके बाद साल 2020-21 में मनरेगा के लिये कुल आवंटित रकम 1,11,500 लाख करोड़ रुपये हो गया। उसके मुकाबले 2021-22 में मनरेगा के लिये 34 फीसदी रकम आवंटित किया गया है।
हालांकि बजटीय आवंटन के लिहाज से देखें तो 2020-2021 में जहां केवल 61,500 करोड़ रुपये मनरेगा के लिये आवंटित किये थे वहीं बजट में 2021-22 के लिये 11,500 करोड़ रुपये अधिक 73,000 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं।
ग्रामीण विकास मंत्रालय के सभी योजनाओं के लिये बजट में ज्यादा रकम की व्यवस्था की गई है। मसलन प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिये 2021-22 में बजट को बढ़ाकर 13,700 करोड़ रुपये से 15,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। वहीं राष्ट्रीय ग्रामीण अजीविका मिशन के लिये बजट को 48 फीसदी बढ़ाकर 9210 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 13,677 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
कृषि कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बजट में ग्रामीण विकास मंत्रालय की योजनाओं के लिये ज्यादा रकम आवंटित किये जाने और बजट पर प्रतिक्रिया देते हुये कहा कि आम बजट में आत्मनिर्भरता का ध्येय निहित है और कोरोना संकटकाल के बाद राष्ट्र को मजबूती से विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाने के लिए समुचित प्रयास एवं प्रावधान किए गए हैं।