मंडी में गेहूं की आवक ज्यादा होने से रोकनी पड़ी खरीद
केकेबी हेडक्वार्टर
हरियाणा सरकार ने सोमवार को राज्य की डेढ़ दर्जन मंडियों में एक दिन के लिए गेहूं की खरीद का काम बंद करने का फैसला किया है। जानकारी के मुताबिक इन मंडियों में गेहूं की सामान्य से ज्यादा आवक हो गई थी। अतिरिक्त आवक होने से प्रबंधन की दिक्कत न हो इसलिए खरीद को 24 घंटे के लिए रोक दिया गया।
दरअसल, किसान अपनी फसल कटाई के बाद गेहूं लेकर सीधे मंडी पहुंच रहे हैं इससे मंडियों में इन दिनों गेहूं की आवक बढ़ गई है। राज्य सरकार के एक बयान में यह जानकारी देते हुये किसानों से आग्रह किया गया है कि वह एसएमएस मिलने पर ही बताई गई मंडी में अपनी उपज लायें। इसमें कहा गया है कि किसान ‘मेरा फसल मेरा ब्यौरा’ फसल पंजीकरण पोर्टल पर खुद को पंजीकृत कराने के बाद फसल लाने के समय में अपनी सुविधा के मुताबिक बदलाव भी कर सकते हैं।
राज्य सरकार के बयान में बताया गया है कि इस संबंध में फैसला मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में रबी विपणन सत्र 2021- 22 की समीक्षा बैठक में लिया गया। बैठक में मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी दी गई। अधिकारियों ने बताया कि राज्य की 18 मंडियों में गेहूं की अधिक आवक और कम उठाव के कारण अनाज का जमावड़ा होने की जानकारी मिली है। इसके बाद इन 18 मंडियों में अगले 24 घंटे के दौरान खरीद रोकने का फैसला लिया गया।
18 मंडियों में रोकी गई खरीद
हरियाणा की जिन मंडियों में गेहूं की खरीद रोकी गई है, उनमें यमुनानगर जिले में रादोर मंडी, कुरूकक्षेत्र जिले की थानेसर, पेहोवा, जाडवा, बाबेन और इस्माइबाद मंडी, करनाल जिले की तराओरी, निलोखेडी, इंदरी, असांध और निसिंग मंडी और अंबाला जिले की अंबाला सिटी और साहा मंडियां शामिल हैं। इसके अलीावा कैथल जिले में कैंथल, कलायत और चीका, सोनीपत जिले में गोहाना, पानीपत जिले में समाल्खा मंडी भी शामिल है। इन मंडियों में अतिरिक्त खरीद केन्द्र खोलने का आदेश भी दिया गया है।
बंपर खरीद
बहरहाल, आधिकारिक प्रवक्ता के मुताबिक रविवार तक राज्य की 396 मंडियों, खरीद केन्द्रों पर कुल 29.47 लाख टन गेहूं की आवक हुई जिसमें से 15.69 लाख टन गेहूं की खरीद कर ली गई। इसके तहत 11 अप्रैल तक जिन किसानों की फसल खरीदी गई उनके खातों में 149.28 करोड़ रुपये हस्तांतरित कर दिये गये।