Tomato Farmers: फिर टमाटर की खेती करने वाले किसान हुए परेशान, 1 रुपये किलो में बेचना पड़ रहा टमाटर

Tomato Farmers Plight: टमाटर की खेती करने वाले किसान एक बार फिर से परेशानी में घिर चुके हैं. इन किसानों ने कमाई करने के चक्कर में जिस टमाटर की खेती बड़े अरमानों से की थी वो पानी में फिरता नजर आ रहा है. मौसम की मार से एक तो टमाटर के फसल को नुकसान हुआ है. तो कीमतों से गिरावट से किसान खेतों में लगी फसल को उखाड़ कर फेंक रहे हैं. किसानों का कहना है कि बाजार तक ले जाने तक का लागत भी नहीं वसूल हो पा रहा है जिसके चलते अपने ही फसल को बर्बाद होता देखने के लिए ये किसान मजबूर हैं.

किसान हुए परेशान

छत्तीसगढ़ से खबरें आई है कि वहां के कुछ इलाकों में टमाटर की खेती की लागत नहीं वसूल पाने के कारण तक ना निकाल पाने की वजह से किसान खेतों में खड़ी फसल को बर्बाद कर रहे हैं ताकि फसल को बाजार तक ले जाने के खर्च से बचा जा सके. छत्तीसगढ़ में टमाटर की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. पहले भी किसानों को टमाटर के फसल को बर्बाद करते हुए देखा गया है जिसको बाद सरकार ने किसानों से फूड पार्क बनाने का वादा किया था जो आज तक पूरा नहीं किया जा सका है. फूड पार्क प्रोसेसिंग यूनिट बनाने के लिए बरहापुर के 22 एकड़ जमीन निर्धारित की गयी थी. यहां के किसानों को 20-25 रुपए कैरेट के हिसाब से टमाटर बेचना पर रहा है ताकि मजदूरी निकाली जा सके.

1 रुपये किलो में बेचने को मजबूर

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा ते किसानों भी परेशान हैं. दिसंबर 2022 में अधिक उत्पादन और कम खपत के कारण किसान एक रुपये प्रति किलो बेचने में टमाटर बेचने को मजबूर हो रहे हैं. किसान फसल की लागत नहीं नहीं निकाल पा रहे हैं. हर वर्ष दिसंबर के महीने में टमाटर की खेती कर रहे किसानों की ऐसी दयनीय हालत देखने को मिली है.