Tractors Sales: किसानों ने किया ऑटोमोबाइल सेक्टर का बेड़ा पार, 2022 में ट्रैक्टर की रिकॉर्ड सेल्स

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Tractors Record Sales In 2022: देश के किसान अनाज उपजा कर लोगों के पेट भरने का काम करते हैं. ये अलग बात है कि ज्यादातर किसानों को उपज की लागत नहीं मिल पाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं यही किसान देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर को सबसे बड़ी संजीवनी देने का काम कर रहे हैं जब वैश्विक आर्थिक संकट के मद्देनजर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री संकट के दौर से गुजर रही है. 2022 में इन किसानों ने रिकॉर्ड ट्रैक्टर खरीदने का काम किया है जिससे ऑटोमोबाइल सेक्टर को अपने सेल्स को बढ़ाने में मदद मिली है.

2022 में रिकॉर्ड ट्रैक्टर सेल्स

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FADA) ने पैसेंजर व्हीकल्स और ट्रैक्टर सेल्स के आंकड़े जारी किए हैं. इस डाटा के मुताबिक 2022 में देश में कुल 7.94 लाख ट्रैक्टर्स की बिक्री हुई है. जबकि 2021 में कुल 7,69, 638 ट्रैक्टर्स की बिक्री हुई थी. फाडा के प्रेसीडेंट मनीष राज सिंघानिया ने कहा कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में पैसेंजर व्हीकल सेंगमेंट को छोड़ केवल ट्रैक्टर ही ऐसा सेगमेंट है जिसकी सेल्स कोविड पीरीयड 2021 या 2020 हो या प्री कोविड साल 2019, इन सभी वर्षों में टैक्टर्स की बिक्री अपने पूर्व वर्ष से ज्यादा देखने को मिली है.

किसानों की आय बढ़ने से बढ़ी सेल्स

उन्होंने कहा कि 2022 में 7.94 लाख ट्रैक्टर्स की सेल्स बेहतर मानसून, किसानों के पास आए नगदी में उछाल, फसलों की एमएसपी में बढ़ोतरी और सरकार के किसानों से उपज खरीद पर बेहतर फोकस के चलते संभव हो सका है. मनीष राज सिंघानिया ने कहा कि रबी फसल की समय पर बुआई से इस तेजी को बरकरार रखने में मदद मिली है. उन्होंने बताया कि तीन वर्षों के बाद त्योहारों के सीजन के दौरान सेल्स बढ़ा है जिससे ट्रैक्टर्स की बिक्री को बढ़ाने में मदद मिली है.

टू-व्हीलर सेल्स ने नहीं पकड़ी रफ्तार

ट्रैक्टर्स की सेल्स जहां बढ़ी है क्योंकि आर्थिक तौर पर बेहतर किसान ही ट्रैक्टर खरीदते हैं लेकिन टू-व्हीलर के सेल्स ने 2022 में निराश किया है जो सबसे ज्यादा मांग छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों से आती है. 2022 में टू-व्हीलर सेल्स में 13.37 फीसदी की गिरावट आई है. दिसंबर 2022 में 11,33,138 टू-व्हीलर यूनिट्स की सेल्स हुई है जबकि 2021 में 12,75,894 टू-व्हीलर की सेल्स देखने को मिली थी. यानि एक महीने में 11.19 फीसदी सेल्स घटा है. फाडा के मुताबिक कमरतोड़ महंगाई, टू-व्हीलर को खरीदने के लिए कॉस्ट ऑफ ऑनरशिप में इजाफा, ग्रामीण इलाकों में मांग में कमी और इलेक्टिक व्हीकल सेल्स में इजाफा के चलते टू-व्हीलर सेल्स की रफ्तार घटी है.