त्योहारों पर महंगी चीनी से मिलेगी राहत, सरकार निर्यात पर बैन लगाने की कर रही तैयारी

White sugar with spoon in wooden bowl, Close-up.

Sugar Export Ban: त्योहारों का सीजन आ चुका है. लेकिन चीनी की महंगाई त्योहारी सीजन के मजा को फीका करने पर अमादा नजर आ रही है. चीनी की कीमतों में लगातार तेजी देखी जा रही है और 6 सालों के ऊपरी लेवल पर जा पहुंचा है. वजह है खराब मानसून के चलते कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे बड़े उत्पादक राज्यों में गन्ने के प्रोडक्शन में कमी. ऐसे में केंद्र सरकार घरेलू उपभोक्ताओं को महंगी चीनी से राहत देने के लिए चीनी के एक्सपोर्ट पर बैन लगा सकती है. 1 अक्टूबर से नए चीनी सीजन के दौरान चीनी के एक्सपोर्ट पर बैन लगाने का सरकार फैसला ले सकती है.

चीनी की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही है. चीनी का उत्पादन 3.3 फीसदी की कमी आने का अनुमान है. अक्टूबर से शुरू हो रहे नए सीजन में 31.7 मिलियन टन उत्पादन रह सकता है. कर्नाटक और महाराष्ट्र में गन्ने का प्रोडक्शन प्रभावित हुआ है जहां कुल देश में कुल गन्ने के आउटपुट का आधा उत्पादन होता है. इसके चलते घरेलू बाजार में चीनी के दामों में 10 फीसदी तक का उछाल आ चुका है. त्योहारों में खासतौर से दशहरा दिवाली पर चीनी की खपत बढ़ जाती है. तो शादियों का सीजन भी आ रहा है. ऐसे में घरेली उपभोक्ताओं को राहत देने और घरेलू बाजार में सप्लाई बनाये रखने के लिए सरकार चीनी के एक्सपोर्ट पर बैन लगा सकती है.

केंद्र सरकार ने कीमतों में उछाल के बाद चीनी कंपनियों को उत्पादन, डिस्पैच, डीलर, रिटेलर, बिक्री का पूरा डाटा सरकार को देने का आदेश दिया है. शुगर्स मिल्स ने ऐसा नहीं किया तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है. सरकार ने शुगर मिल्स को 10 नवंबर तक NSWS पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन भी कराने को कहा है.

चीनी की कीमतों में तेजी के बाद कीमतों पर नकेल कसने और जमाखोरी पर शिंकजा कसने के लिए ट्रेडर्स, होलसेलर्स रिटेलर्स, बड़े चेन रिटेलर्स और प्रोसेसर्स के लिए हर हफ्ते चीनी के स्टॉक घोषित करना जरुरी कर दिया है. सरकार का कहना है कि हर हफ्ते स्टॉक का खुलासा करने से चीनी की कीमतों को काबू में रखने में मदद मिलेगी.