Rabi Crops MSP: मोदी सरकार की किसानों को सौगात, 6 रबी फसल के एमएसपी में बढ़ोतरी का फैसला , गेहूं की MSP 150 रुपये बढ़ी

Rabi Crops MSP Hike: मोदी सरकार ने त्योहारी सीजन पर किसानों को बड़ा तोहफा दिया है. बुधवार 18 अक्टूबर, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की आर्थि क मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में मार्केटिंग सीजन 2024-25 के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी पर मुहर लगा दी है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी संबंधी सरकार के फैसले से किसानों की आय बढ़ेगी और देश की खाद्य सुरक्षा और मजबूत होगी.

सरकार ने विपणन सीजन 2024-25 के लिए रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है, ताकि उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फसल सत्र 2024-25 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 150 रुपये बढ़ाकर 2,275 रुपये प्रति क्विंटल करने को मंजूरी दी दे दी है. एमएसपी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दाल (मसूर) के लिए 425 रुपये प्रति क्विंटल और इसके बाद रेपसीड एवं सरसों के लिए 200 रुपये प्रति क्विंटल की मंजूरी दी गई है. गेहूं और कुसुम में से प्रत्येक के लिए 150 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है. जौ और चने के लिए 115 रुपये प्रति क्विंटल और 105 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है.

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पर्व-त्योहारों के इस मौसम में छोटे और गरीब किसान भाई-बहनों के लिए हमारी सरकार ने एक बहुत ही अहम कदम उठाया है. उनके हितों को ध्यान में रखते हुए गेहूं, चना और मसूर सहित कई रबी फसलों की एमएसपी में बढ़ोतरी की गई है. इस महत्वपूर्ण फैसले से जहां हमारे अन्नदाताओं की आमदनी बढ़ेगी, वहीं देश की खाद्य सुरक्षा भी और मजबूत होगी. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने सीसीईए की बैठक के बाद कहा कि मंत्रिमंडल ने 2024-25 सत्र के लिए रबी की छह प्रमुख फसलों का एमएसपी बढ़ाने की मंजूरी दे दी है.

मार्केटिंग सीजन 2024-25 के लिए अनिवार्य रबी फसलों की एमएसपी में वृद्धि केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के अनुरूप है, जिसमें एमएसपी को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर निर्धारित करने की बात कही गई थी. गेहूं के लिए 102 प्रतिशत, रेपसीड और सरसों के लिए 98 प्रतिशत, दाल के लिए 89 प्रतिशत, चने के लिए 60 प्रतिशत, जौ के लिए 60 प्रतिशत और कुसुम के लिए 52 प्रतिशत है. रबी फसलों की इस बढ़ी हुई एमएसपी से किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित होगा और फसल के प्रोडक्शन में बढ़ाने में प्रोत्साहन मिलेगा.

सरकार खाद्य सुरक्षा बढ़ाने, किसानों की आय में वृद्धि करने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए तिलहन, दलहन और मोटे अनाजों की ऊपज बढ़ाने के क्रम में फसल विविधीकरण को बढ़ावा दे रही है. मूल्य नीति के अलावा, सरकार ने वित्तीय सहायता प्रदान करने व तिलहन और दलहन की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने हेतु गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम), प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) और राष्ट्रीय तिलहन और ऑयल पाम मिशन (एनएमओओपी) जैसी विभिन्न पहलें की हैं.