खरीफ फसलों के लिये सरकार ने बढ़ाई MSP, पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में हुआ निर्णय

केकेबी ब्यूरो। मोदी सरकार ने 2021-22 के खरीफ सीजन के लिये खरीफ फसलों के न्यूनत्तम समर्थन मुल्य (Minimum Support Price) में बढ़ोतरी करने को मंजूरी देते हुये इसकी घोषणा कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट के आर्थिक मामलों की समिति की समिति (CCEA ) की बैठक में खरीफ फसलों के एमएसपी ( MSP ) में इजाफे को मंजूरी दी गई।

कृषि कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इसकी जानकारी देते हुये कहा कि खरीफ फसलों के एमएसपी में औसतन 50 फीसदी या इससे ज्यादा की बढ़ोतरी की गई है। इससे किसानों के बड़ा लाभ होगा। उन्होंने बताया कि मोदी सरकार ने अपने सात साल के कार्यकाल में किसानों के कल्याण के लिये कई महत्वपूर्ण फैसलें लिये हैं। और उनकी समस्याओं पर चर्चा करने के लिये हर समय तैयार है। कृषि मंत्री ने बताया कि बीते सीजन में चावल की खरीद से 12 करोड़ किसानों के लाभ पहुंचा है। साथ ही डॉयरेक्ट बेनेफिट ट्रांस्फर के जरिये धान और बाजरा की खरीद का भुगतान सीधे तौर पर किसानों के बैंक खाते में किया गया है।

बीते साल के मुकाबले इस खरीफ सीजन में सबसे ज्यादा एमएसपी तिल (452 रुपये प्रति क्विंटल) की बढ़ाई गई है। इसके बाद बारी आती है टूअर और उड़द( 300 रुपये प्रति क्विंटल) की। 2021-22 सीजन में खरीफ फसलों के एमएसपी में की गई बढ़ोतरी पर नजर डालें धान(सामान्य) और धान(ग्रेड ए) की एमएसपी 72 रुपये बढ़ाकर 1940 रुपये और 1960 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। ज्वार(हाईब्रिड) की एमएसपी 2738 रुपये, बाजरा 2250 रुपये, रागी 3377 रुपये, मक्का 1870 रुपये, टूअर(अरहर) 6300 रुपये, मूंग 7275 रुपये, उड़द 6300 रुपये मूंगफली 5550 रुपये, सूरजमुखी बीज 6015 रुपये और तिल की एमएसपी बढ़ाकर 7307 रुपये कर दिया गया है।

क्या होती है MSP
दरअसल न्यूनत्तम समर्थन मुल्य (MSP ) फसल की वह कीमत होती है जिसपर सरकार किसानों से खाद्यान्न खरीदती है। एमएसपी किसानों के लिये फसल के लागत के 50 फीसदी या उससे ज्यादा कीमत पर सरकार तय करती है। हर साल खरीफ और रबी सीजन से पहले केंद्र सरकार दोनों सीजन में बोई जाने वाली फसलों के लिये एमएसपी तय करती है। हालांकि सरकार किसानों से केवल चावल और गेंहू ही तय एमएसपी के रेट पर खरीदती है। वहीं दिल्ली के बार्डरों पर पिछले छह महीने से ज्यादा समय से धरने पर बैठे किसान सरकार के एमएसपी को कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं।