केकेबी हेडक्वार्टर
किसानों ने सरकार के लिए एक नया सिरदर्द पैदा कर दिया है। 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली के बाद किसान आने वाले दिनों में वो संसद तक मार्च निकालने की भी सोच रहे हैं।
धरने पर बैठे किसान नेता दर्शन पाल ने 25 जनवरी को ऐलान किया है कि अब किसान नेता 1 फरवरी को पैदल ही संसद तक मार्च करेंगे। इस दौरान धरनास्थलों पर भूख हड़ताल भी जारी रहेगी। किसान नेता सरकार को घेरने का कोई मौका छोड़ना नहीं चाह रहे हैं।
इस मार्च के लिए अलग अलग धरना स्थलों से किसानों को संसद की तरफ कूच करने की रणनीति पर काम करने को कह दिया गया है।
बजट के दिन संसद मार्च
1 फरवरी को बजट पेश किया जाता है। उस दौरान संसद सत्र भी चल रहा होता है ऐसे में किसान नेता इसे बड़ा मौका मानकर अपनी मांग मनवाने के मकसद से संसद तक मार्च करने की रणनीति बना रहे हैं।
हालांकि किसानों के लिए संसद तक पहुंचना आसान नहीं रहेगा। संसद सत्र चलने के दौरान संसद के करीब विजय चौक के आप पास के इलाकों में धारा 144 लागू रहती है। ऐसे में मुमकिन है कि पुलिसबल दूर ही कहीं किसानों को रोक ले। लेकिन किसानों का रुख पूरी तरह से आक्रामक रहने के आसार जरूर बने हुए हैं।
सरकार से 11 दौर की बतचीत नाकाम रहने के बाद कृषि मंत्री ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि किसानों के लिए जो भी बेहतरीन ऑफर हो सकता था वो किया गया है लेकिन अब किसान सुन ही नहीं रहे हैं तो सरकार भी क्या करे।