सरकार ने पिछले साल से 20 फीसदी ज्यादा धान खरीदा

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धान की फसल का चित्र

 

केकेबी हेडक्वार्टर।

केंद्र सरकार ने बताया है कि खरीफ विपणन सत्र 2020-21 के दौरान मौजूदा एमएसपी योजनाओं के अनुसार किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीफ फसलों की खरीद की प्रक्रिया जारी है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, तमिलनाडु, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर, केरल, गुजरात, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार से धान की खरीद की जा रही है।

8 दिसंबर 2020 तक के आकंड़ों के मुताबिक इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के किसानों से 356.18 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद हो चुकी है, जबकि समान अवधि के तुलना में पिछले वर्ष केवल 295.79 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई थी। इस वर्ष में अब तक हुई धान की खरीद में पिछले वर्ष के मुक़ाबले 20.41 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। 356.18 लाख मीट्रिक टन धान की कुल खरीद में से अकेले पंजाब की हिस्सेदारी 202.77 लाख मीट्रिक टन है, जो कि कुल खरीद का 56.93 प्रतिशत है।

वहीं तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से खरीफ विपणन सत्र 2020 के लिए मूल्य समर्थन योजना के तहत 48.11 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद को भी मंजूरी प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों से 1.23 लाख मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद के लिए भी स्वीकृति प्रदान की गई है।

अधिसूचित फ़सल अवधि के दौरान संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बाजार की दरें एमएसपी से नीचे चली जाती हैं, तो राज्य की नामित ख़रीद एजेंसियों के माध्यम से केंद्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को मूल्य समर्थन योजना के अंतर्गत दलहन, तिलहन और खोपरा फसल की खरीद के प्रस्तावों की प्राप्ति पर भी मंजूरी दी जाएगी, ताकि पंजीकृत किसानों से वर्ष 2020-21 के लिए अधिसूचित किये गए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सीधे इन फसलों के एफएक्यू ग्रेड की खरीद की जा सके।

बंपर खरीद

8 दिसंबर तक सरकार ने अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से 1.4 लाख मीट्रिक टन मूंग, उड़द, मूंगफली की फली और सोयाबीन की खरीद एमएसपी मूल्यों पर की है। इस खरीद से तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा और राजस्थान के 81301 किसानों को 770.84 करोड़ रुपये की आय हुई है।

वहीं 5,089 मीट्रिक टन खोपरा यानि बारहमासी फसल की खरीद कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों से की गई है। इस दौरान 3,961 किसानों को लाभान्वित करते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 52 करोड़ 40 लाख रुपये की अदायगी हुई है। हालांकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 293.44 मीट्रिक टन खोपरा की खरीद की गई थी।

खोपरा और उड़द की फसल के लिए अधिकांश प्रमुख उत्पादक राज्यों में एमएसपी पर या फिर उससे ऊपर की दर पर भुगतान किया जा रहा है। इनसे संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारें खरीफ दलहन तथा तिलहन फसलों के आवक के आधार पर संबंधित राज्यों द्वारा तय तिथि से खरीद शुरू करने के लिए आवश्यक इंतज़ाम कर रही हैं।

न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत ही पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओड़िशा और कर्नाटक राज्यों से कपास की खरीद का कार्य सुचारु रूप से जारी है। दिनांक 8 दिसंबर 2020 तक 805262 किसानों से 12150.84 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य पर कपास की 4152628 गांठों की खरीद की जा चुकी है।