उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने दिल्ली में स्पेशल चिल्ड्रंस स्कूल का उद्घाटन किया. हिगाशी ऑटिज्म स्कूल के उद्घाटन समारोह के मौके पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित करने के लिए सभी को एक साथ मिलकर प्रयास करने चाहिए ताकि वे समाज में समावेशन की भावना हासिल कर सकें. उन्होंने ऐसे बच्चों के लिए एक ऐसे भविष्य बनाने की भी अपील की जहां हम उनके जीवन को सुरक्षित और सार्थक बना सकें.
इस मौके पर स्पेशल चाइल्ड के लालन पालन में मां ही है जो विशेष जरूरतों वाले बच्चों के विकास को सुनिश्चित करने के लिए हर सुविधा का त्याग करते हुए, सभी जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेती है. इसलिए, उन्होंने पुरुष वर्ग से अपने जीवनसाथी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने का आह्वान किया, जब बच्चे को ऑटिज्म की चुनौती का सामना करना पड़ता है और उसे सहायता की आवश्यकता होती है. उन्होंने चुनौतियों का सामना करने के लिए अपने साथी को अकेला न छोड़ने के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान उन्हें छोड़ना मानवता से मुंह मोड़ना माना जाएगा.
टोक्यो और बोस्टन के बाद वैश्विक स्तर पर तीसरा हिगाशी ऑटिज्म स्कूल है. उपराष्ट्रपति ने इसे हम सभी के लिए एक ऐसे वातावरण को विकसित करने के लिए एकजुट होकर संकल्प लेने का उपयुक्त अवसर के रूप में मना जहां ऑटिज्म से पीड़ित हर बच्चे की देख भाल की जाती ह.। उन्होंने ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों के कल्याण के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए स्कूल की चेयरपर्सन सुश्री रश्मी दास की भी प्रशंसा की.
विद्यालय दौरे को स्वयं के लिए एक आध्यात्मिक यात्रा बताते हुए, उपराष्ट्रपति ने मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से अपना सब कुछ देने के लिए शिक्षकों की सराहना की. उन्होंने कहा प्रत्येक बच्चे के भीतर मौजूद असीमित क्षमता का निखारने की आवश्यक्ता है। इस अवसर पर विशेष बच्चों द्वारा अपने शिक्षकों के साथ सांस्कृतिक प्रस्तुति भी दी गई.