Connect with us

तकनीक

आने वाली पीढ़ी का भविष्य बचाने वाली खेती

Published

on

जीरो बजट फार्मिंग

केकेबी ब्यूरो देश का किसान हमेशा से ही कर्ज लेकर परेशानी भरे माहौल में खेती करने पर मजबूर रहता है। समय के साथ साथ ये भी देखने को मिला है कि इस परेशानी से वो आत्महत्या करने पर भी मजबूर हुआ है। ऐसे किसानों की तादाद अच्छी खासी है।

सरकारें भले ही कर्ज किसानों को कर्जमाफी का झुनझुना पकड़ाती रहती हों लेकिन सच्चाई तो यही है कि मौजूदा व्यवस्था के चलते खेती महंगी होती जा रही है।

कम खर्च में खेती के प्रयोग

देश में कुछ ऐसे भी प्रयोग हुए हैं जिनके जरिए इस मुश्किल को 90 फीसदी तक कम कर दिया गया है। महाराष्ट्र से जुड़े खेती के क्षेत्र में अच्छा काम करने वाले पद्मश्री सुभाष पालेकर ने जीरो बजट फार्मिंग को लेकर जो प्रयोग किए हैं उनके नतीजे चौंकाने वाले रहे हैं। उनके मुताबिक बिना खाद, रसायन और कीटनाशक के सिर्फ देसी गाय के गोबर और मूत्र से ही ऐसी फसल उग सकती है कि किसान की पैदावार भी बढ़ेगी और खर्चा भी घट जाएगा

इस बात के प्रयास सरकारों ने भी कई स्तर पर किए हैं कि खेती की लागत घटाई जाए। ऐसे में जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा देने से कामयाबी हासिल की जा सकती है।

जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग का मतलब

ये एक ऐसी खेती है जिसमें केमिकल वाली खाद, पेस्टीसाइड यानि कीटनाशकों का इस्तेमाल नहीं होता है। इस दिशा में काम करने वालों का कहना है कि ये सिर्फ देसी गाय के गोबर और मूत्र पर आधारित है। पद्मश्री सुभाष पालेकर महाराष्ट्र में बगैर रासायनिक खाद और कीटनाशक के सालों से खेती करते आए हैं। वो कहते हैं कि रासायनिक इस्तेमाल से फसलों की उत्पादकता नहीं बढ़ी है।

उन्होंने ये भी बताया है कि इनके इस्तेमाल ने जमीन की उर्वर क्षमता शक्ति घटा दी है और जल संसाधन भी कम किए हैं। साथ ही साथ ग्लोबल वॉर्मिंग में भी इजाफा किया है। रासायनिक खाद की जगह गाय के गोबर, मूत्र और पत्तियों से तैयार मिक्सचर का इस्तेमाल करने से वो कमी पूरी हो सकती है। इसके ऐसे परिणाम होते हैं कि बड़े बड़े लोग चौंक जाएं। जिन जगहों पर इनका प्रयोग हुआ है वहां सूखे के हालात में भी कम पानी में अच्छी फसल हुई है। वो भी अंगूर और संतरे की फसल बेहतरीन हुई है।

कितने काम की देसी गाय

प्रयोग बताते हैं कि एक गाय के मूत्र से 30 एकड़ खेत के लिए नेचुरल रसायन तैयार किया जा सकता है। खेती के इस प्रयोग में फसलें बिना लागत के पैदा की जा सकती हैं। इसके लिए किसान को बाहर से कुछ भी नहीं खरीदना पड़ता। पौधों के लिए जरूर पोषक चीजें उनके आसपास ही मिल जाती है।

ये खर्च करना होगा

हालांकि जीरो बजट का ये मतलब कतई नहीं है कि किसान को कुछ भी नहीं खर्च करना होगा। उसे बीज, पानी और बाकी मजदूरी में पैसे तो खर्च करने ही पड़ेंगे। हां खात और रसायनों का खर्च बच जाएगा जो पूरी फसल पर खर्च की गई कुल रकम का बड़ा हिस्सा होता है।

महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, केरल, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड जैसे राज्यों में इसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा है। बाकी राज्यों में थोड़े बहुत स्तर पर काम चल रहा है। लेकिन अब समय आ गया है कि अगर हम अपनी आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ और केमिकल रहित खाना खिलाना चाहते हैं तो खेती के इसीतरीके को आजमाना पड़ेगा। नहीं तो हालात बदतर होते जाएंगे। मौजूदा पद्धति न सिर्फ खेती का खर्च बढ़ा रही है बल्कि जमीन को भी बंजर होने की तरफ ढकेल रही है।

Viatina-19
बात पते की10 months ago

Viatina-19: भारतीय मूल की 40 करोड़ की गाय जो अपनी सुंदरता के चलते है ‘मिस साउथ अमेरिका’

Pic Credit: pixabay
कारोबार10 months ago

KCC News: मोदी राज में डबल हो गई किसान क्रेडिट कार्ड की रकम, 7.72 करोड़ किसानों को हुआ लाभ

PUSA Krishi Vigyan Mela
किसानवाणी10 months ago

फूलों की खेती करने वाली हिमाचल प्रदेश की मीना चंदेल को मिला ‘इनोवेटिव फार्मर अवार्ड’

PM Kisan Nidhi
कारोबार10 months ago

प्रधानमंत्री मोदी ने जारी किया पीएम किसान की 19वीं किस्त, बोले-6 साल में एक-एक पैसा गया अन्नदाता के खाते में

pixabay
मुद्दे10 months ago

तापमान में बढ़ोतरी और क्लाइमेट चेंज के चलते बढ़ सकता है एग्री लोन डिफॉल्ट!

मखाने की खेती देखते शिवराज सिंह चौहान
मुद्दे10 months ago

धोती-कुर्ता पहनकर शिवराज सिंह चौहान उतरे तालाब में, मखाना उगाने वाले किसानों से की चर्चा

PM Kisan Yojana
बात पते की10 months ago

पीएम मोदी किसानों को देंगे सौगात, बिहार के भागलपुर से भजेंगे किसान सम्मान की 19वीं किस्त

Shivraj Singh Chouhan
चौपाल10 months ago

कृषि मंत्री बोले, किसानों की आय बढ़ाना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता

Makhana
Featured10 months ago

मखाना बोर्ड के गठन से कैसे बदल जाएगी बिहार के मिथिलांचल की तस्वीर?

Pic Source - Freepik
कारोबार3 years ago

Milk Price Hike: 2023 में सताएगी दूध की महंगाई! इन वजहों से जारी रह सकता है दूध के दामों में बढ़ोतरी का सिलसिला

तकनीक5 years ago

नए जमाने की खेती है वर्टिकल फार्मिंग, इसे करने से फायदा ही फायदा

PM Kisan Yojana
बात पते की10 months ago

पीएम मोदी किसानों को देंगे सौगात, बिहार के भागलपुर से भजेंगे किसान सम्मान की 19वीं किस्त

Viatina-19
बात पते की10 months ago

Viatina-19: भारतीय मूल की 40 करोड़ की गाय जो अपनी सुंदरता के चलते है ‘मिस साउथ अमेरिका’

PUSA Krishi Vigyan Mela
किसानवाणी10 months ago

फूलों की खेती करने वाली हिमाचल प्रदेश की मीना चंदेल को मिला ‘इनोवेटिव फार्मर अवार्ड’

agri loan
Uncategorized3 years ago

Kisan Vikas Patra Rate Hike: सरकार ने नए साल पर किसानों को दिया तोहफा, इस स्कीम में निवेश पर मिलेगा अब ज्यादा ब्याज

गेहूं की मंडी की तस्वीर सभार पत्रिका
कारोबार5 years ago

मंडी में गेहूं की आवक ज्यादा होने से रोकनी पड़ी खरीद