केकेबी हेडक्वार्टर
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को राष्ट्रीय नर्सरी पोर्टल का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बागवानी के माध्यम से देश के युवा बड़े उद्यमी बनकर जीडीपी में योगदान दे सकते हैं।
तोमर ने कहा कि अर्थव्यवस्था को गति देने में बागवानी का क्षेत्र संभावित कृषि उद्यम के रूप में उभरा है। देश की पोषण सुरक्षा, गरीबी उन्मूलन व रोजगार सृजन कार्यक्रमों में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण होती जा रही है। बागवानी का क्षेत्र न केवल फसल विविधीकरण के लिए किसानों को कई प्रकार के विकल्प प्रदान करता है, बल्कि बड़ी संख्या में कृषि उद्योगों को बनाए रखने के लिए प्रचुर अवसर भी प्रदान करता है, जो रोजगार के बड़े अवसर पैदा करते हैं।
कृषि मंत्री के मुताबिक कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने नर्सरियों के लिए ‘ऑनलाइन डिजिटल प्लेटफार्म’ स्थापित किया है, ताकि किसान/ उत्पादक और अन्य हितधारक अपने आसपास के क्षेत्रों में उपलब्ध क्वॉलिटी प्लांटिंग मटेरियल की उपलब्धता की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकें। इस पोर्टल के माध्यम से, नर्सरियों के संचालक अपनी प्रोफाइल प्रदर्शित कर सकेंगे और बिक्री ऑफर डाल सकेंगे। प्लांटिंग मटेरियल के खरीदार भी सीधे ऑनलाइन पूछताछ कर सकेंगे और अपनी जरूरत से मिलते-जुलते बिक्री ऑफर देख पाएंगे।
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा विकसित इस नए राष्ट्रीय नर्सरी पोर्टल से खरीददारों को नर्सरियों तक आसानी से पहुंचने में मदद मिलेगी और साथ ही वे क्वालिटी प्लांटिंग मटेरियल की उपलब्धता, कीमत आदि के बारे में जानकारी प्राप्त कर पाएंगे। इसी तरह, नर्सरियों को भी बाज़ार मांग का पता चलेगा। खरीददारों का नर्सरियों से सीधा संपर्क होने से नर्सरियों को उनके प्लांटिंग मटेरियल का बेहतर दाम मिल पाएगा व बेहतर उपज तथा क्वालिटी बनाए रखने के लिए समय से सलाह प्राप्त कर सकेंगे। यह पोर्टल नर्सरियों व खरीदारों के बीच दूरी खत्म करने में मदद करेगा व क्वालिटी प्लांटिंग मटेरियल की आसान उपलब्धता सुनिश्चित करने में भी सहयोग करेगा।
कार्यक्रम में कृषि राज्य मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला व श्री कैलाश चौधरी, कृषि सचिव श्री संजय अग्रवाल, एनएचबी के प्रभारी एमडी व संयुक्त सचिव श्री राजबीर सिंह, आल इंडिया नर्सरीमेन्स एसोसिएशन के महासचिव श्री मुकुल त्यागी मौजूद थे। वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से भारत सरकार एवं विभिन्न राज्य सरकारों के अधिकारीगण, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकगण, नर्सरीमेन्स एसोसिएशन तथा भारतीय बागवानी परिसंघ (सी.आई.एच.) के सदस्यगण, प्लांटिंग मेटेरियल के खरीददार और किसानबंधु जुड़े हुए थे।