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किसान आज ले लेंगे ये मजबूत फैसला

लंबे समय से चले आ रहे आंदोलन पर आज किसान इस बात पर फैसला ले सकते हैं कि वो सरकार से बातचीत करेंगे या फिर नहीं। नए कानूनों पर सरकार और किसान संगठनों के बीच चल रहे गतिरोध के बीच सरकार की तरफ किसानों को बातचीत के लिए रविवार को एक चिट्ठी लिखी गई थी। उस चिट्ठी में इसके लिए समय तय करने फैसला किसानों के ऊपर छोड़ा गया था।

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केकेबी हेडक्वार्टर

22 दिसंबर 2020

किसान आंदोलन का आज अहम दिन

लंबे समय से चले आ रहे आंदोलन पर आज किसान इस बात पर फैसला ले सकते हैं कि वो सरकार से बातचीत करेंगे या फिर नहीं। नए कानूनों पर सरकार और किसान संगठनों के बीच चल रहे गतिरोध के बीच सरकार की तरफ किसानों को बातचीत के लिए रविवार को एक चिट्ठी लिखी गई थी। उस चिट्ठी में इसके लिए समय तय करने फैसला किसानों के ऊपर छोड़ा गया था।

फैसले का दिन

इस मामले पर रणनीति बनाने के लिए कई किसान संगठन आपस में विचार विमर्श कर रहे हैं। और माना जा रहा है कि मंगलवार को इसका कोई हल निकल सकता है। सरकार के रुख के चलते किसानों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे धरनास्थलों पर किसान क्रमिक अनशन कर रहे हैं।

कोई नतीजा नहीं निकला

सरकार और किसान संगठनों के बीच अबतक कुल मिलाकर 5 दौर की बातचीत हो चुकी है जिसका कोई नतीजा नहीं निकला है। । पांचवें दौर की बातचीत के बाद 9 दिसंबर को वार्ता स्थगित हो गई थी क्योंकि किसान यूनियनों ने कानूनों में संशोधन और न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी रखने का लिखित आश्वासन दिए जाने के केंद्र के प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया था।

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